Cheque Signed: चेक से भुगतान करते समय बरतें यह सावधानियां वरना हो जाएंगे कंगाल

Cheque Signed: वर्तमान युग में डिजिटल पेमेंट का चलन भले ही कितना ही बढ़ जाए परंतु व्यापारिक और व्यक्तिगत लेनदेन में आज भी चेक विश्वसनीय माध्यम माना जाता है। कई बार विभिन्न व्यापारिक डील के दौरान हमें चेक के माध्यम से भुगतान करना पड़ता है परंतु क्या आप जानते हैं कि चेक के माध्यम से लेनदेन करना कितना हानिकारक हो सकता है। एक छोटी सी भूल और लाखों का नुकसान, जी हां चेक में गलत विवरण भरना, सुरक्षा नियमों की अनदेखी करना आपको आर्थिक हानि की तरफ धकेल सकता है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको चेक की लेनदेन करने के दौरान बरतने वाली जरूरी सावधानी का विवरण उपलब्ध कराने वाले हैं।

जैसा कि हम सब जानते हैं चेक भरते समय पॉजिटिव पे सिस्टम का ध्यान रखना अनिवार्य है ताकि आप किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि से खुद का बचाव कर पाए। आज के इस लेख में हम आपको इसी पॉजिटिव पे सिस्टम का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएंगे जहां हम आपको चेक भरते समय कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए उनके बारे में बताएंगे ताकि आप चेक बनाते समय विशेष सावधानियां बरतें और आर्थिक हानि से खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

Cheque Signed
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चेक भरते समय की सावधानियां

  •  चेक भरते समय हमेशा कोशिश करें कि चेक पर राशि का विवरण साफ शब्दों में हो और सही हो।
  •  चेक पर प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट शब्दों में होना जरूरी है।
  •  चेक पर दिनांक और हस्ताक्षर भी स्पष्ट रूप से भरें।
  •  किसी भी प्रकार की काट छांट और ओवरराइटिंग से बचें
  •  कभी भी ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर न करें क्योंकि यह चेक यदि गलत हाथों में चला गया तो इसका दुरुपयोग हो सकता है।
  •  चेक बनाने दौरान हमेशा परमानेंट जेल पेन का प्रयोग करें ताकि इसमें किसी प्रकार का कोई मोडिफिकेशन ना किया जाए।
  •  चेक जारी करते समय हमेशा इसका रिकॉर्ड अपने पास में रखें ताकि भविष्य में ऑडिटिंग के दौरान आपको कैलकुलेशन में किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
  •  हमेशा चेक बनाते समय क्रॉस चेक करें चेक को अकाउंट पे या नॉट नेगोशिएबल के रूप में क्रॉस करें इससे चेक केवल प्राप्तकर्ता के खाते में ही जमा होगा और चेक को कैश नहीं किया जा सकेगा जिससे आपके साथ किसी प्रकार का कोई धोखा मुमकिन नहीं होगा।

चेक क्लीयरेंस के लिए बनाया गया पॉजिटिव पे सिस्टम

 रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने चेक धोखाधड़ी को रोकने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम शुरू किया है इस प्रणाली के अंतर्गत 50000 या उससे अधिक की राशि का चेक जारी करने पर आपको चेक के विवरण जैसे कि चेक नंबर, दिनांक, राशि, प्राप्तकर्ता का नाम बैंक को पहले से ही प्रदान करना होता है। जैसे ही आपका दिया चेक बैंक में आता है वैसे ही इसका सत्यापन किया जाता है ताकि धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाए और आपके द्वारा जारी किए गए चेक का क्लीयरेंस आसानी से किया जा सके। हाल ही में 2 लाख से ऊपर के चेक के लिए मोबाइल नंबर सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया गया है।

इस प्रकार यदि आप चाहते हैं कि आपके साथ किसी प्रकार की कोई वित्तीय धोखाधड़ी न हो तो हमेशा चेक द्वारा पेमेंट करने से पहले जरूरी सावधानी बरतें  वहीं चेक बाउंस होने की प्रक्रिया से भी बचें क्योंकि यदि आपके खाते में पर्याप्त धन राशि नहीं है और चेक बाउंस हो गया तो आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है और यदि नहीं भर पाए तो जेल भी हो सकती है

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FAQs: Cheque Signed

चेक बाउंस का अर्थ क्या है?

जब कोई व्यक्ति किसी को भुगतान करने के लिए चेक देता है, और जब कोई व्यक्ति चेक को बैंक में जमा करता है, बैंक चेक को अस्वीकार कर देता है।.

चेक में सिग्नेचर कैसे प्राप्त करें?

बैंकिंग मेनू में चेक लिखें का विकल्प चुनें।. किसी मौजूदा चेक को चुनें या एक नया बनाएं।. हस्ताक्षर आइकन चुनें।. आप जो हस्ताक्षर चाहते हैं, चुनें।.

बैंक चेक पर हस्ताक्षर क्यों करते हैं?

बैंक चेक के पीछे सिग्नेचर लगाया जाता है ताकि चेक का उपयोग करने वाला व्यक्ति कानूनी रूप से पैसे लेने का हकदार है।.

चेक बाउंस क्या है?

चेक बाउंस हो सकता है अगर इसकी वैधता समाप्त हो गई है या जारी करने की तिथि में कोई समस्या हो. बैंक द्वारा चेक को अनादरित करने के कई अन्य कारण हो सकते हैं।.

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