New Criminal Laws: नया आपराधिक कानून हुआ लागू, यहां देखें क्या-क्या हुए बदलाव

New Criminal Laws: लंबे समय से न्याय की मांग करने वाले नागरिकों को लिए एक महत्वपूर्ण खबर न्याय संहिता के हवाले से सामने आ रही है । भारत के न्यायालय ने आखिरकार कुछ महत्वपूर्ण कानूनों में बदलाव कर दिया है, जिसकी वजह से अब अपराधियों को निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा। रविवार की आधी रात से अर्थात सोमवार सुबह से यह कानून (New Criminal Laws) देश भर में लागू माने जाएंगे । भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली द्वारा किए गए यह बड़े बदलाव काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे जो देश में न्याय की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करेंगे।

New Criminal Laws: ब्रिटिश काल के कानून की जगह नई न्याय संहिता मान्य

पाठकों की जानकारी के लिए बता दें भारतीय न्याय व्यवस्था के अंतर्गत अभी तक कई सारे कानून ऐसे थे जो ब्रिटिश काल के दौरान बनाए गए थे। ऐसे में ब्रिटिश काल के दौरान बनाए गए भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को मान्य माना जाएगा । इन नए कानून से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसके अंतर्गत जीरो FIR ,पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना, SMS के जरिए समन भेजने की सुविधा नागरिकों को उपलब्ध करवाई जाएगी।

Law and order को अब कर दिया गया सख्त और मजबूत

नए कानून व्यवस्था (new law and order) के अंतर्गत इन सारी नई सुविधाओं के आ जाने से जघन्य अपराधों के वारदात स्थल पर ही वीडियोग्राफी करने का प्रावधान भी शामिल किया जाएगा जिससे सबूत इकट्ठा करने में अब आसानी होगी । वही जीरो FIR और पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की वजह से जल्द से जल्द कार्यवाही की जाएगी । कुल मिलाकर यह सारी नई व्यवस्थाएं न्याय प्रणाली को और भी ज्यादा कड़क और मजबूत बना देंगे जहां अपराधी गुनाह करने के पश्चात भागने की सोच भी नहीं सकता क्योंकि ऐसे में पराधी को कहीं ना कहीं यह पता जरूर होगा कि उसे अब निश्चित रूप से दंड मिलेगा।

पाठकों की जानकारी के लिए बता दें मौजूदा समय में कुछ कानून व्यवस्थाएं ऐसी थी जिनका फायदा अपराधी उठा ले जाते थे । लचीली न्याय व्यवस्था का अपराधी अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर फायदा ले लेते थे  ऐसे में भारतीय न्याय व्यवस्था ने संविधान में निहित इन आदेशों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रभावी कदम उठाए हैं जिसे अंग्रेजों के समय बनाए गए कानून व्यवस्थाओं में बदलाव किया जाएगा और कानून को अब और ज्यादा कड़क बनाया जाएगा जिससे कि अपराधियों को जल्द से जल्द दंड मिल सके और न्या की उम्मीद करने वालों को भारतीय न्याय व्यवस्था द्वारा न्याय दिया जा सके।

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भारत के न्याय तंत्र ने निम्नलिखित बदलावों को शामिल किया गया

भारत के न्याय तंत्र ने औपनिवेशिक काल के नियुक्त कानून का खत्म करने के लिए कुछ तीन नए आपराधिक कानून में बदलाव किया है जिसके अंतर्गत निम्नलिखित बदलावों को शामिल किया गया है।

  • नए कानून के अंतर्गत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरे होने के 45 दिन के भीतर सुनाया जाएगा।  वहीं पहली सुनवाई होने के बाद न्याय के लिए अब याचिकाकर्ता को इंजार करने की जरूरत नहीं होगी बल्कि 7 दिनों के भीतर ही आरोप तय कर दिए जाएंगे।
  • रेप केस के मामले में पीड़िता का बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी या पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज किया जाएगा और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर देनी होगी इस नए कानून से बयानों में और सबूत में छेड़छाड़ पर रोक लगाई जा सकेगी।
  • नए कानून में संगठित अपराधों और आतंकवाद की कृत्यों को परिभाषित कर दिया गया है  ऐसे में राजद्रोह और देशद्रोह के कानून भी बना दिए गए हैं ।
  • वहीं यदि आरोपी समय पर पकड़ा जाता है तो ऐसे में तलाशी और जब्ती की कार्यवाही के दौरान वीडियोग्राफी करना भी अनिवार्य कर दिया गया है ताकि सबूतों की कोई कमी न रहे।
  • वहीं महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के अंतर्गत अब का नए और कड़े नियम बना लिए गए हैं ।
  • ऐसे में बच्चों को खरीदना बेचना जघन्य अपराध करार कर दिया गया है और नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड और उम्र  कैद का प्रावधान जोड़ दिया गया है।
  • नए नियमों के अंतर्गत शादी का झूठा वादा करने वाले ,नाबालिक से दुष्कर्म करने वाले ,भीड़ द्वारा पीट कर हत्या करने वाले ,झपटा मार लूटना आदि के मामले में विशेष प्रावधान बना दिए गए हैं । इससे पहले इन सभी घटनाओं से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता में कोई प्रावधान नहीं थे पर अब नए न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए नए कानून व्यवस्था लागू कर दी गई है।
  • नए कानून के अंतर्गत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से भी घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कर सकता है । ऐसे में मामले दर्ज करने में नागरिकों को आसानी होगी और मामले तेजी से दर्ज किये जा सकेंगे ।वहीं इन पर कार्यवाही भी जल्द से जल्द की जा सकेगी।
  • इसके साथ ही जीरो FIR का भी प्रावधान पुलिस द्वारा शुरू कर दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में जीरो FIR यानी प्राथमिक की दर्ज कर सकता है । भले ही यह अपराध उसके क्षेत्र में नहीं हुआ हो और पुलिस को तुरंत बिना किसी शंका के यह कार्यवाही दर्ज करनी होगी और त्वरित जांच पड़ताल  शुरू करनी होगी।
  • नए कानून के अंतर्गत आरोपी को गिरफ्तारी की सूरत में अपने जान पहचान के व्यक्ति या अपने निजी संबंधी के व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार भी दिया गया है। ऐसे में गिरफ्तार व्यक्ति को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
  •  इसके अलावा पुलिस के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया गया है कि पुलिस थानों और जिला मुख्यालय में गिरफ्तारी का विवरण दर्ज किया जा सके जिससे कि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार वाले और अन्य परिजन और मित्रों तक यह सूचना पहुंचाई जा सके जिससे गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिवारजन गिरफ्तार व्यक्ति की मदद कर सके।
  • नए कानून के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को भी प्राथमिकता दी गई है । ऐसे में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए सारे अपराधों की जांच 2 महीने के अंदर पूरी करना जरूरी है और नए कानून के अंतर्गत पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर मामले की प्रगति की जानकारी देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
  • नए कानून के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों को अस्पतालों में निशुल्क उपचार भी पलब्ध करवाया जाएगा।  वहीं साथ ही साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर महिलाओं और बच्चों की भरपूर देखभाल की जा सके और उन्हें आवश्यक चिकित्सा उपचार मिल सके ।
  • नये कानून के अंतर्गत आरोपी और पीड़ित दोनों की प्राथमिकि पुलिस रिपोर्ट ,आरोप पत्र, बयान, स्वीकारोक्ति पत्र अन्य दस्तावेज 14 दिनों के भीतर उपलब्ध करवाए जाएंगे ।
  • वहीं नए कानून में अदालत समय रहते ही सुनवाई करने पर जोर देंगी । ऐसे में अनावश्यक विलंब से छुटकारा मिलेगा और पूरी प्रक्रिया में न्यायालय में अधिकतम 2 बार ही मुकदमे की सुनवाई को स्थगित करने का नियम बनाया गया है जिससे अनावश्यक विलंब नहीं होगा और पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा।
  •  नए कानून की व्यवस्था में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना भी लागू करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि अपराध के गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें हर प्रकार का सहयोग दिया जाए ताकि गवाहों के बयानों को तोड़ा मरोड़ा ना जा सके और कानून प्रक्रियाओं में विश्वसनीयता बनी रहे।

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निष्कर्ष: New Criminal Laws

इस प्रकार नए कानून के आ जाने से देश भर में बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी और वही ऐसे कुछ अपराध जिनके लिए अब तक न्याय व्यवस्था में किसी प्रकार की कानून नहीं थे उन सभी के लिए अब नए कानून बना दिए गए हैं जिससे अपराधी किसी भी तरह से छूट न पाए बल्कि जल्द से जल्द अपराधी को दंड और पीड़ित को न्याय मिल सके।

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