Chardham Yatra By Train 2024: चार धाम यात्रा सनातन हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण यात्रा मानी जाती है । मई के माह में चार धाम यात्रा शुरू हो जाती है । ऐसे में उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हो जाती है। यह यात्रा मुख्यतः ऋषिकेश या हरिद्वार से प्रारंभ हो जाती है। वर्तमान में इस यात्रा में ऋषिकेश और हरिद्वार तक ही ट्रेन से जाया पड़ता है और इसके आगे जाने के लिए यात्रीगण को लोकल टूरिज्म की गाड़ियों से ही जाना पड़ता है। पाठकों की जानकारी के लिए बता दे चार धाम की यात्रा सुलभ और आसान बनाने के लिए भारत सरकार उत्तराखंड के चारों धाम को रेलवे लाइन से जोड़ने की एक परियोजना (Chardham Yatra By Train 2024) तैयार कर रही है।
जैसा कि हमने आपको बताया उत्तराखंड की चार धाम यात्रा सनातन धर्म में सबसे पावन और सबसे महत्वपूर्ण यात्रा मानी जाती है। इसलिये ही इन चारों धामों को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए भारत सरकार एक ड्रीम प्रोजेक्ट (Chardham Yatra By Train 2024) पर काम कर रही है जिसके अंतर्गत कहा जा रहा है कि जल्द ही रेलवे लाइन बनकर तैयार हो जाएगी जो यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हरिद्वार- ऋषिकेश और देहरादून से जोड़ेगी। अर्थात जल्द ही ऐसे मार्ग तैयार हो जाएंगे जिसके माध्यम से यमुनोत्री, गंगोत्री ,केदारनाथ और बद्रीनाथ तक सीधे ट्रेन से ही पहुंचना (Chardham Yatra By Train 2024) संभव हो जाएगा।
Chardham Yatra By Train 2024: 2025 तक पूरा हो जाएगा परियोजना का पहला चरण
रेलवे विभाग की माने तो चार धाम रेलवे लाइन का काम कर्णप्रयाग को ऋषिकेश और उत्तरकाशी को देहरादून से जोड़कर शुरू किया जाएगा । उसके बाद धीरे-धीरे परियोजना में विस्तार किया जाएगा और प्रत्येक धाम के लिए अलग-अलग चरणों मे महत्वपूर्ण मार्ग शुरू किए जाएंगे। हालांकि यह स्थान अतिदूरस्थ और जलवायु प्रतिकूल स्थान है जहां पर रेलवे लाइन बिछाना बहुत ही बड़ा चुनौती पूर्ण काम माना जा रहा है। परंतु रेलवे विभाग की तत्परता और भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट (Chardham Yatra By Train 2024) के चलते यह काम निश्चित रूप से ही जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
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टनल और पुलों के माध्यम से कम की जा रही है दूरी और समय
Char Dham Project के अंतर्गत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की कुल लंबाई 125 किलोमीटर है जिसमें इस दूरी को ट्रेन से तय करने के लिए 105.47 किलोमीटर के रास्ते पर सुरंग का निर्माण किया गया है। इसके भीतर ही रेलवे ट्रैक को बिछाया गया है । वही परियोजना के अंतर्गत देवप्रयाग को भी सुरंग से ही जोड़ा जा रहा है। 15.1 किलोमीटर वाली लंबी सुरंग देवप्रयाग से जंकुर के मध्य बिछाई गई है । इसके साथ ही डोईवाला उत्तरकाशी बड़कोट रेलवे लाइन जो 122 किलोमीटर लंबी है वहां पर भी 24 टनल और 19 पुलों का निर्माण किया जाएगा ताकि गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम पर पहुंचने के समय को काम किया जा सके ।
चार धाम परियोजना के माध्यम से चार धाम और उत्तराखंड के अन्य महत्वपूर्ण यात्रा स्थल तक पहुंचना बहुत ही आसान हो जाएगा। नई तकनीक की सहायता और रेलवे के उत्कृष्ट कर्मचारी और नए उपकरणों के मदद से यह रेलवे कार्य जल्दी पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसकी वजह से एक ओर यात्रियों को तो लाभ होगा ही वही रणनीतिक सीमा वाले सैन्य स्टेशन पर पहुंचने में भी सैनिकों को काफी कम समय लगेगा क्योंकि भारत चीन सीमा रेलवे लाइन की वजह से यह काफी करीब आ जाएगी।
नया चार धाम रेलवे मार्ग कैसा होगा
भारतीय रेलवे विभाग के अनुसार चार धाम रेलवे मार्ग इस प्रकार से तैयार किया जाएगा
चरण 1 : ऋषिकेश -कर्ण प्रयाग रेलवे लाइन
ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेलवे लाइन इस पूरी परियोजना में सबसे पहली परियोजना होगी जिसे जल्द ही शुरू करने की संभावना जताई जा रही है । इसके अंतर्गत सुरंग और पुलों का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह परियोजना (Chardham Yatra By Train 2024) 2025 में पर्यटकों/श्रद्धालुओं के लिए खोल दी जाएगी जिसके अंतर्गत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ट्रेन के माध्यम से पहुंचना सम्भव हो सकेगा।
चरण 2: कर्णप्रयाग -सैंकोट-सोनप्रयाग- केदारनाथ रेलवे लाइन
इस परियोजना के दूसरे चरण में कर्ण प्रयाग से सोनप्रयाग तक का 99 किलोमीटर का रेलवे मार्ग शुरू किया जाएगा । यह रेलवे मार्ग केदारनाथ से 13 किलोमीटर पहले सोनमर्ग तक बनाया जाएगा । इस रेलवे मार्ग (Chardham Yatra By Train 2024) के बीच में सैंकोट रेलवे स्टेशन को भी कवर किया जाएगा । कुल मिलाकर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग और कर्णप्रयाग से सोनप्रयाग पहुंचना यात्रीगण के लिए काफी आसान हो जाएगा । यह परियोजना भी अगले कुछ वर्षों में शुरू कर दी जाएगी।
चरण 3 सैंकोट-जोशीमठ- बद्रीनाथ रेलवे लाइन
सैंकोट जोशीमठ बद्रीनाथ रेलवे लाइन इसे परियोजना के तीसरे चरण में शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग और कर्ण प्रयाग से सैंकोट तक पहुंचना आसान होगा । सैंकोट के बाद में जोशीमठ तक का 75 किलोमीटर वाला रेलवे मार्ग बनाया जाएगा जो बद्रीनाथ से 40 किलोमीटर पहले समाप्त हो जाता है। यह रेलवे मार्ग (Chardham Yatra By Train 2024) भी अगले कुछ सालों में बनकर तैयार हो जाएगा । जिसके माध्यम से श्रद्धालु ऋषिकेश से कर्णप्रयाग और कर्णप्रयाग से सैंकोट होते हुए जोशीमठ तक बिना किसी दुविधा के जा सकेंगे।
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चरण 4: डोईवाला-देहरादून -उत्तरकाशी -गंगोत्री रेलवे लाइन
डोईवाला देहरादून उत्तरकाशी गंगोत्री रेलवे 131 किलोमीटर का रेलवे मार्ग होगा जो देहरादून के पास डोईवाला स्टेशन से शुरू होगा । और यह गंगोत्री के करीब मनेरी में समाप्त होगा। उत्तरकाशी से गंगोत्री तक पहुंचाने के लिए श्रद्धालुओं को स्थानीय परिवहन की सहायता लेनी पड़ेगी परंतु इस रेलवे ट्रैक के शुरू होने की वजह से श्रद्धालु देहरादून से उत्तरकाशी तक बिना किसी असुविधा के ट्रेन के माध्यम से पहुंच सकेंगे । माना जा रहा है कि यह रेलवे मार्ग (Chardham Yatra By Train 2024) भी अगले कुछ सालों में शुरू कर दिया जाएगा।
चरण 5: उत्तरकाशी -पालर -यमुनोत्री रेलवे लाइन
उत्तरकाशी पार्र यमुनोत्री रेलवे सेवा भी डोईवाला से शुरू हो जाएगी । डोईवाला से देहरादून होते हुए उत्तरकाशी के बाद पार्र तक इस ट्रैक को चेंज कर दिया जाएगा अर्थात उत्तरकाशी से पालर यमुनोत्री का 22 किलोमीटर का रेलवे मार्ग बिछाया जाएगा जहां श्रद्धालु बिना किसी और सुविधा के यमुनोत्री के दर्शन कर सकते हैं।
चार धाम परियोजना : वर्तमान स्थिति
चार धाम रेलवे परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेलवे लाइन लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। जिसे जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा । इसके पश्चात चंद्रभागा नदी पर भी पुल का निर्माण किया जा रहा है। वही टिहरी पर भी अलकनंदा नदी पर पुल का काम शुरू है । अगले एक-दो सालों में यह काम पूरा हो जाएगा जिससे जल्द ही चार धाम रेलवे परियोजना को संपूर्ण रूप मिल जाएगा ।
इस पूरी परियोजना के अंतर्गत विदेशी कंपनियों के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक का उपयोग कर बेहतरीन क्वालिटी के ट्रैक बिछाई जा रहे हैं। जैसा कि हमने आपको बताया यह चारों धाम दूरस्थ स्थल पर बसे हुए हैं जहां विपरीत जलवायु और प्रतिकूल मौसम की वजह से रेलवे ट्रैक बिछाने का काम करना और सुरंग बनाना काफी मुश्किल हो जाता है ऐसे में भारतीय रेल विभाग मॉडर्न टेक्नोलॉजी और कर्मचारियों की तत्परता की वजह से यह काम लगभग संपन्न होने पर पहुंच गया है ।
निष्कर्ष: Chardham Yatra By Train 2024
कुल मिलाकर अगले एक-दो साल में इस चार धाम परियोजना को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा जिससे श्रद्धालु ऋषिकेश से ट्रेन के माध्यम (Chardham Yatra By Train 2024) से ही चारों धाम पर पहुंच कर दर्शन का लाभ उठा सकेंगे।