MGNREGA Wage Increase: लोक सभा चुनाव की तारीख अब बस नजदीक ही आ रही है, ऐसे में देशभर में अलग-अलग जगह पर आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। लोक सभा चुनाव को देखते हुए प्रत्येक पार्टी लगातार यह कोशिश कर रही है कि किसी तरह वोट बैंक उनके हक में हो जाए । इसी क्रम में केंद्र सरकार भी देश के नागरिकों के हित में विभिन्न प्रकार के हितकारी फैसले ले रही है।
हाल ही में केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय ने मिलकर ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक महत्वपूर्ण फैसले पर हामी भर दी है । जानकारी के लिए बता दें हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है जिसमें उन्होंने बताया है कि आम चुनाव से पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में 3% से 11% तक की बढ़ोतरी (MGNREGA Wage Increase) की जाएगी।
1 अप्रैल 2024 से बढाई जाएगी मजदूरी दर
मनरेगा मजदूरों के हित में लिया गया यह महत्वपूर्ण फैसला मजदूरों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने वाला है। नई मजदूरी दर 1 अप्रैल 2024 से लागू कर दी जाएगी । मजदूरी दर में वित्त मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिलकर 3 से 11% तक के इजाफे (MGNREGA Wage Increase) का फैसला ले लिया है ।जानकारी के लिए बता दे वर्ष 2023-24 के अंतर्गत मनरेगा मजदूरी को 2 से 10% तक बढ़ा दिया गया था । परंतु अब फिर से मंत्रालय ने इस वेतन में संशोधन करने का निर्णय कर लिया है और अब मनरेगा मजदूरों को 3 से 11% तक की बढ़ोतरी (MGNREGA Wage Increase) दी जाएगी।
मजदूरों की मजदूरी दर में देखी जा रही है असमानता
वर्ष 2024 के अंतर्गत मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में 2 से 10% तक की बढ़ोतरी की गई थी। ऐसे में वेतन में संशोधन गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्यों में देखा गया था ,जहां मजदूरों की मजदूरी में 10.3% से 10.6% तक की बढ़ोतरी देखी गई थी । अर्थात मजदूरों को ₹300 से लेकर 356 रुपए प्रतिदिन के रूप में दिए जा रहे हैं । अब इसमें एक बार फिर से संशोधन किया जाएगा जिससे यह मजदूरी दर बढ़ जाएगी। बात करें यदि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के मजदूरों की मजदूरी दर की तो यहां सबसे कम मजदूरी दर दी जाती है ।यहां केवल 3 % से 3.9% तक की दर से मजदूरों को मजदूरी उपलब्ध कराई जाती है जो करीबन 237 रुपए प्रतिदिन बैठती है । वहीं केरल में मजदूरों को 346 प्रतिदिन के रूप में दिए जाते हैं।
मजदूरी दर में यही असामान्यता को देखते हुए हाल ही में मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि मजदूरों के मजदूरी दर में वृद्धि करना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया है । वही अन्य प्रदेशों के आंकड़ों की बात करें तो सिक्किम अब तक सबसे ज्यादा मजदूरी देता आया है। सिक्किम में मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन की 374 मजदूरी दी जाती है । वहीं सिक्किम के अन्य गांव में मजदूरों को केवल 250 रुपए की मजदूरी ही उपलब्ध कराई जाती है। अरुणाचल प्रदेश नागालैंड भी अब तक सबसे कम मजदूरी देते आए हैं। यहां मनरेगा मजदूरों को दैनिक मजदूरी प्रतिदिन 236 रुपये के हिसाब से दी जाती है ।इसी उतार-चढ़ाव और मजदूरी दर में असमानता को देखते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत मजदूरों के मजदूरी दर में वृद्धि करने का निर्णय (MGNREGA Wage Increase 2024) ले लिया गया है।
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375 रुपये की न्यूनतम मजदूरी होगी तय
केंद्र सरकार और ग्रामीण रोजगार विकास मंत्रालय ने तय किया है कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों को 375 की मजदूरी प्रतिदिन निश्चित रूप से मिलनी चाहिए। पाठकों की जानकारी के लिए बता दे मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों के संख्या में दिन-ब-दिन कमी बढ़ती जा रही है इस कमी का सबसे मुख्य कारण है मनरेगा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली दैनिक दिन की मजदूरी की राशि । मजदूरों के लिए यह राशि अपर्याप्त सिद्ध होती है ,जो उनको बेहतर जीवन यापन में कहीं से भी लाभप्रद नहीं लगती।
इसीलिए संसदीय स्थाई समिति ने अपने रिसर्च के आधार पर यह बताया है कि यदि सरकार मनरेगा मजदूरों की संख्या में वृद्धि करना चाहती है तो सरकार को न्यूनतम मजदूरी 375 की तय करनी होगी ,जिससे मजदूरों को जीवन यापन करने के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सके और उन्हें एक निश्चित मजदूरी राशि प्राप्त हो सके। ऐसे में इसी बात को ध्यान में रखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार वित्त मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिलकर एक नए प्रस्ताव को पारित किया है जिसके अंतर्गत उन्होंने निर्धारित किया है कि 1 अप्रैल 2024 से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में 3 से 11% तक की बढ़ोतरी (MGNREGA Wage Increase 2024) की जाएगी।
निष्कर्ष: MGNREGA Wage Increase 2024
अब देखना यह होगा कि 3 से 11% तक की होने वाली इस बढ़ोतरी से प्रत्येक राज्य के मजदूर को किस प्रकार से फायदा पहुंचाया जाता है। वहीं वे सभी राज्य जहां अब तक की सबसे कम मजदूरी मजदूरों को दी जाती है वे राज्य कितने प्रतिशत तक का आंकड़ा मजदूरों के लिए बढ़ाने वाले हैं ।कुल मिलाकर 1 अप्रैल 2024 के बाद यह आंकड़े साफ होंगे कि मजदूरों को राज्य भर कितनी मजदूरी उपलब्ध कराई जा रही है।