यूजीसी अध्यक्ष ने जारी किये निर्देश, खत्म हुआ CUET UG and NET Normalization Process 2024

CUET UG and NET Normalization Process 2024: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के अंतर्गत होने वाली कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रैजुएट CUET NET की परीक्षा 15 मई से 24 मई  बीच गठित होने वाली है। वही UGC NET की परीक्षा 16 जून 2024 को गठित होने वाली है। ऐसे में परीक्षा के पहले ही UGC अध्यक्ष जगदीश कुमार ने हाल ही में जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घोषणा (CUET UG and NET Normalization Process 2024) इन परीक्षाओं से जुड़े के संदर्भ में की है । हाल ही में हुई एक प्रेस विज्ञप्ति के दौरान यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह घोषणा की है कि इस वर्ष से CUET UG and NET Normalization Process 2024 को बंद कर दिया जाएगा । अर्थात वर्ष 2024 से स्कोर के सामान्यीकरण प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा और अब अंकों के सामान्य करण (CUET UG and NET Normalization Process 2024) की आवश्यकता नहीं होगी।

पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि सामान्यकरण परीक्षा के दौरान की जाने वाली एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक छात्र के स्कोर को इस तरह से संशोधित किया जाता है कि उसकी दूसरे स्कोर के साथ तुलना की जा सके ।  हालांकि यह प्रक्रिया तभी इस्तेमाल में लाई जाती है जब एक विषय की परीक्षाएं कई सत्र में आयोजित होती है और प्रत्येक सत्र में अलग-अलग पेपर आयोजित किया जाता है । परंतु इस वर्ष CUET NET के अंतर्गत संपूर्ण परीक्षा के पैटर्न को बदल दिया गया है अर्थात CUET NET की परीक्षा अब हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएगी अर्थात इस परीक्षा को अब पेन पेपर मोड और सीबीटी मोड़ के माध्यम से लिया जाएगा। कुल मिलाकर इस प्रकार से ली हुई परीक्षा के अंतर्गत CUET UG and NET Normalization Process 2024 की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

यूजीसी अध्यक्ष ने जारी किये निर्देश, खत्म हुआ CUET UG and NET Normalization Process 2024

वे सभी छात्र जो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के इस निर्णय के बारे में विस्तारित रूप से जानना चाहते हैं कि Score normalization आखिर होता क्या है? उन सभी की जानकारी के लिए बता दें की Score normalization की प्रक्रिया Common University Entrance Test के दौरान अब से पहले इस्तेमाल की जाती थी । Common University Entrance Test में छात्रों को एक प्लेटफार्म के माध्यम से समान अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं जिसकी वजह से इस परीक्षा में एक ही विषय के अलग-अलग प्रश्न पत्र निकाले जाते थे । ऐसे में एक ही विषय की परीक्षा की अलग-अलग सत्र में आयोजित की जाती थी जिसकी वजह से छात्रों का चयन करते समय अंकों की तुलना की आवश्यकता पड़ती थी। परंतु अब यह परीक्षा पूरी तरह से हाइब्रिड माध्यम में गठित की जाएगी जिसमें अब CUET UG and NET Normalization Process 2024 की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

आमतौर पर इस प्रक्रिया की जरूरत सभी छात्रों के परफॉर्मेंस का आकलन लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था । इसका मुख्य उद्देश्य यह रहता था की परीक्षा की कठिनाई के आधार पर छात्रों की तुलना की जा सके और उसके आधार पर उनके द्वारा स्कोर किए गए अंकों की तुलना करने के पश्चात छात्रों का सेलेक्शन किया जा सके।

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CUET Score Normalization किस प्रकार किया जाता था ?

CUET Score Normalization का आकलन करने के लिए परीक्षार्थियों को दो अलग-अलग शिफ्ट में बांटा जाता था, जिसमें दोनों शिफ्ट में परीक्षार्थियों का चुनाव रेंडम आधार पर किया जाता था । हालांकि दोनों शिफ्ट में समान संख्या में परीक्षार्थियों की उपलब्धि सुनिश्चित की जाती थी । कुल मिलाकर Normalization score की यह पहली स्टेप थी कि जितने सत्र परीक्षा के लिए गठित किया जा रहे हैं प्रत्येक सत्र में एक समान संख्या में छात्र की उपलब्धि सुनिश्चित की जाए। इसके पश्चात छात्रों के लिए प्रत्येक सत्र में अलग-अलग पेपर गठित किए जाते थे ,हालांकि विषय एक जैसा ही होता था। इसके बाद प्रत्येक सेशन की परीक्षा के परिणाम इस तरह से निकाले किए जाते थे छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए

  •  RAW Score ( मुख्य हासिल किए अंक)
  • Percentile Score of Total Raw Score

इसके आधार पर प्रत्येक छात्र के percentile score की गणना की जाती थी

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Score normalization की आवश्यकता क्यों?

Score normalization की आवश्यकता इसलिए पड़ती थी क्योंकि इस परीक्षा में प्रत्येक विषय के अलग-अलग प्रश्न पत्र सेट किए जाते हैं। ऐसे में कुछ प्रश्न पत्र तुलनात्मक रूप से बहुत ज्यादा कठिन होते हैं और कुछ बहुत ही ज्यादा आसान। Score normalization पूरी प्रक्रिया के दौरान कुछ छात्रों को बहुत ही कठिन प्रश्न पत्र हल करने पड़ते थे वहीं कुछ छात्रों के नसीब में बहुत ही आसान प्रश्न पत्र आते थे जिसकी वजह से छात्रों का भरोसा पैनल से उठने लगा।

परीक्षा के पश्चात छात्र आपस में प्रश्न पत्र की तुलना करने लगे और NET exam pattern दोषपूर्ण प्रतीत होने लगा जिसकी वजह से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने निर्धारित किया कि वे सभी छात्र जिन्हें तुलनात्मक रूप से कठिन प्रश्न पत्रों को हल करना पड़ता है उन्हें 5 से 10 पॉइंट एक्स्ट्रा उपलब्ध कराए जाएंगे और वहीं जिन प्रश्न छात्रों को तुलनात्मक रूप से आसान प्रश्न पत्र हल करने के लिए मिलते हैं उनके 5 से 10 पॉइंट काट लिए जाएंगे जिससे कि score normalize हो सके । इसी प्रक्रिया को स्कोर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया कहा जाता है ।

परंतु वर्ष 2024 से इस प्रकार की परीक्षा अब नहीं ली जाएगी और अब छात्रों को हाइब्रिड माध्यम से ही प्रश्न पत्र हल करने पड़ेंगे जहां छात्रों को ओएमआर शीट और सीबीटी प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे जहां को CUET UG and NET Normalization Process 2024 की आवश्यकता अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।

निष्कर्ष: CUET UG and NET Normalization Process 2024

कुल मिलाकर CUET UG परीक्षा 15 मई से 24 मई के बीच देश के बाहर 26 शहरों में और भारत के 380 परीक्षा केंद्रों पर होने वाली है जिसमें 13.38 लाख उम्मीदवार शामिल होने वाले हैं वही यह परीक्षा अब केवल एक ही पारी में आयोजित की जाएगी जहां CUET UG and NET Normalization Process 2024 जैसी किसी अलग व्यवस्था की जरूरत नहीं पड़ेगी। कुल मिलाकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा यह नया फैसला काफी सराहनीय है जिससे छात्रों में अब किसी प्रकार का असंतोष नहीं रहेगा और यह परीक्षा पूरी तरह से छात्रों के प्रदर्शन पर ही निर्भर होगा।

bhartiaxa

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